Amal Kumar
  • Home
  • About
  • Updates
  • Join
  • जन सुनवाई

महानंदा नदी अपडेट - बाढ़ों के साथ जीवन निर्वाह

  • By
  • Dr Dinesh kumar Mishra
  • September-28-2018

बाढ़ों के साथ जीवन निर्वाह

अब तक हमने बाढ़ों से मुकाबला करने की विधा पर एक नजर डाली है जिसमें हरेक तरीके के इस्तेमाल में अगर कुछ अच्छाइयाँ हैं तो परेशानियों की सूची भी कुछ कम लम्बी नहीं है। इतनी जानकारी से कम-से-कम इतना तो तय हो ही जाता है कि बाढ़ों को रोकना कोई आसान काम नहीं है, ज्यादा से ज्यादा उन्हें कम किया जा सकता है और यह कमी बर्दाश्त करने की हदों तक आ जायगी, यह हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।

दूसरी बात यह है कि सारी नदियों की बाढ़ रोकने के लिये कोई एक ही नुस्खे का अनुसरण नहीं किया जा सकता। इसके लिये हो सकता है कई कोशिशें एक साथ करनी पड़े। इन सबके बावजूद यह भी तय है कि गंगा घाटी जैसे मैदान वाले इलाके में बाढ़ रोकने के नाम पर जब एक पैबन्द लगाया जायगा तो कपड़ा दूसरी तरफ से खिसकेगा जिसके बारे में हमने हल्की सी चर्चा की है। तब एक विचारधारा यह भी निकलती है कि बाढ़ के सदमे को बर्दाश्त करने की दिशा में कुछ कोशिशें की जायँ क्योंकि वैसे भी लाइलाज मर्ज में डॉक्टर भी दवा की जगह दुआ करने की सलाह देता है। नीचे हम कुछ उन तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिनमें यह करीब-करीब कबूल कर लिया जाता है कि बाढ़ एक आवश्यक बुराई है और उसके अस्तित्व को स्वीकार कर के कुछ किया जाय।

फ्लड प्लेन जोनिंग (Flood Plain Zoning)

कहने को तो यह तरीका नाम से आधुनिक जान पड़ता है पर इसका सिद्धान्त काफी पुराना है। कहा भी है कि जिसका घर नदी के किनारे हो और जिसके घर में साँप रहता हो वह आदमी कभी चैन से नहीं रह सकता है। यानी नदी के किनारे घर होना कोई अच्छी बात नहीं मानी जाती थी। नारदीय पुराण ने गंगा स्थल  को तीन भागों में बाँटा है जिन्हें गंगा गर्भ, गंगा तीर और गंगा क्षेत्र नाम दिया है। वर्षा के समय भाद्रपद की कृष्णा चतुर्दशी को जहाँ तक गंगा का पानी पहुँचता है उसे गंगा गर्भ कहते हैं। यह मान लेना चाहिये कि किसी भी नदी का पानी वहीं तक जाता है जहाँ तक कभी उस नदी की धारा बहती थी। गंगा गर्भ की सीमा से 150 हाथ (करीब 70 मीटर) तक की दूरी को गंगा तट कहा गया है और गंगा तट से दो कोस (लगभग 6 कि०मी०) तक की भूमि भाग को गंगा क्षेत्र कहते हैं। नारदीय पुराण गंगा गर्भ और गंगा तट के क्षेत्र में निवास करने से लोगों को वर्जित करता है। हम यह मान कर चल रहे हैं कि नारदीय पुराण में गंगा शब्द का प्रयोग परम्परागत रूप से सभी नदियों के लिये किया गया है।

फ्लड प्लेन जोनिंग इसी पुरानी मान्यता का आधुनिक संस्करण है। आज की तकनीक इन क्षेत्रों को दूसरे और अंग्रेजी नाम से जानती है। इसके मुताबिक जिन इलाकों से नदी के बाढ़ का पानी निश्चित तौर पर गुजरता है उसमें यदि निर्माण का कोई काम किया जाता है तो वह यकीनी तौर पर पानी के रास्ते की रुकावट बनेगा। ऐसे इलाकों को निषिद्ध क्षेत्र (Prohibitive Zone) कहते हैं और इसमें कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिये। उन इलाकों में जिन में बाढ़ का पानी कभी-कभी गुजरता है और उसकी रफ्तार कम होती है उनमें निर्माण कार्य को रोकना तो जरूरी नहीं है पर उन पर नियंत्रण रखना बेहतर साबित होता है। ऐसे इलाकों को प्रतिबन्धित क्षेत्र (Restricted Zone) कहते हैं। प्रतिबन्धित क्षेत्र के बाहर की जमीन पर बाढ़ का पानी बिरले ही प्रवेश करता है और जब तक अधिकतम बाढ़ नहीं आयेगी तब तक इन इलाकों पर बाढ़ का असर नहीं पड़ता । इस क्षेत्र में, जिसे चेतावनी क्षेत्र (WarningZone) कहते हैं, निर्माण करने वालों को बाढ़ के बारे में ताकीद कर दी जाती है।

बाढ़ की चेतावनी

बाढ़ की सम्भावनाओं को देखते हुये प्रशासन की ओर से यह व्यवस्था की जाती है कि लोग अपने जान माल की सुरक्षा के लिये आवश्यक प्रबन्ध कर लें। समाचार पत्रों, रेडियो, टी० वी०, लाउडस्पीकर आदि के माध्यम से लोगों को सुरक्षित इलाकों में चले जाने को कहा जाता है।

बाढ़ से बचाव के लिये चेतावनी पक्ष को मजबूत करने के लिये आजकल बहुत कोशिशें चल रही हैं जिसमें आधुनिकतम संचार माध्यमों का यथा सम्भव उपयोग किया जाता है। आमतौर पर बरसात के मौसम में राज्य स्तर पर कम्प्यूटर आधारित नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी जाती है। चौबीसो घण्टे काम करने वाले इस केन्द्र से पूरे राज्य में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जाती है ताकि जरूरत पड़ने पर बचाव के आवश्यक उपाय किये जा सकें।

बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना

इतना सब कर लेने के बावजूद जब गाँव या शहर बाढ़ से घिर जाते हैं तो लोगों को सुरक्षित निकाल कर ऐसे स्थानों पर पहुँचाना ही एक रास्ता बचता है जहाँ कि जीवन की प्राथमिक सुविधायें उपलब्ध हों। इसमें खाने-पीने, कपड़ों दवाओं आदि की व्यवस्था शामिल है। यह काम स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं, प्रशासन और सेना की मदद से किया जाता है।

रिलीफ या राहत कार्य

बात जब बाढ़ से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने की हद तक पहुँच जाय तब अगला कदम प्रभावित लोगों को राहत देने का होता है जिसके तात्कालिक तथा दीर्घकालिक दोनों ही पहलू होते हैं। तत्काल राहत तो भोजन, वस्त्र, अस्थाई निवास, दवा-दारू तक सीमित रहती है पर घरों और कृषि या रोजगार के साधनों के विनाश के कारण जन साधारण की पूरी जीवन पद्धति प्रभावित होती है। जानवरों के बड़ी तादाद में मारे जाने, चारे का अभाव, सड़कों-रास्तों का बह जाना, रेल व्यवस्था का छिन्न-भिन्न होना, महामारी और लूट-पाट की घटनायें आदि समस्यायें बाढ़ों के साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ी हैं। इन सारी समस्याओं का समाधान करना और भविष्य में इस तरह की दुर्घटना दुबारा न हो ऐसी व्यवस्था करना राहत और पुनर्वास का अंग है।

विषय विस्तार के कारण इन सारे मुद्दों पर विचार करना मुमकिन नहीं जान पड़ता पर यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है।

बाढ़ बीमा

अक्सर बाढ़ आने वाले इलाकों में लोग बाढ़ बीमा की बात उठाते सुने जाते हैं। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग (1980) ने भी इस मसले को उठाया है पर यह बात एकदम साफ है कि एक तो बाढ़ से होने वाला नुकसान इतना ज्यादा और बार-बार होने वाली चीज है कि किसी भी एक बीमा कम्पनी या उनके समूहों की भी ताकत नहीं है कि इतनी देन दारियों से निबट सके। सरकार को भी अगर इस प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाय तब भी हालात में कोई ज्यादा परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है। बाढ़ से होने वाले नुकसान की चर्चा हम आगे करेंगे जिससे समस्या के विकराल स्वरूप की कुछ जानकारी मिलेगी। दूसरी बात यह है कि बाढ़ बीमा की बात उठाते हुये अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि जब बीमा होगा तब उसकी किस्तों की अदायगी की बात भी उठेगी और रोज कुआँ खोद कर पानी पीने वाले लोगों से बीमे की किस्तों की अदायगी का बोझ बर्दाश्त नहीं होगा। विकसित देशों में इस दिशा में जरूर कुछ पहल हुई है पर भारत जैसे गरीब देश में यह हालात कब बनेगे कहना मुश्किल है।

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

महानंदा(3) महानंदा नदी(3) महानंदा बिहार(2) महानंदा बाढ़(3) बाढ़ नियंत्रण(2) बंदिनी महानंदा(4)

More

अमल कुमार - श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत होने पर हार्दिक शुभकामनाएं

अमल कुमार - श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत होने पर हार्दिक शुभकामनाएं

दिल्ली के जंतर मंतर स्थित जदयू राष्ट्रीय कार्यालय के सभागार में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया। केंद्रीय इस्पात मंत्री ...

अमल कुमार - जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्ति सहित अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा

अमल कुमार - जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्ति सहित अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक आज दिल्ली के जंतर मंतर स्थित जदयू राष्ट्रीय कार्यालय के सभागार में आयोजित की गई। हालिया नियुक्त केंद्रीय इ...

अमल कुमार - युवा जदयू पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों से बेगूसराय एयरपोर्ट को मिलेगा नया जीवन, उड्यन मंत्रालय ने शुरू की कवायत

अमल कुमार - युवा जदयू पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों से बेगूसराय एयरपोर्ट को मिलेगा नया जीवन, उड्यन मंत्रालय ने शुरू की कवायत

युवा जदयू पूर्व अध्यक्ष श्री अमल कुमार के प्रयासों से बेगूसराय एयरपोर्ट को नया जीवन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। गौरतलब है कि गत वर्ष युवा जदयू...

अमल कुमार-महान स्वतंत्रता सेनानी उद्यम सिंह	 सरदार उद्यम सिंह बलिदान दिवस के शहीदी दिवस पर शत शत नमन

अमल कुमार-महान स्वतंत्रता सेनानी उद्यम सिंह सरदार उद्यम सिंह बलिदान दिवस के शहीदी दिवस पर शत शत नमन

साहस, शौर्य और प्रतिबद्धता के पर्याय, महान क्रांतिकारी सरदार उद्यम सिंह जी को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन। माँ भारती की अस्मिता के रक्षा...

अमल कुमार-हिंदी साहित्य जगत के पितामह, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती  मुंशी प्रेमचंद जयंती  पर कोटि कोटि नमन

अमल कुमार-हिंदी साहित्य जगत के पितामह, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कोटि कोटि नमन

"विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई स्कुल आज तक नहीं खुला और न ही खुलेगा.."अपने कुशल लेखन से समाज में व्याप्त समस्याओं और कुरीतियों पर चो...

अमल कुमार-राष्ट्र निर्माता, प्रखर राजनेता और भारत के मिसाइल मैन  डॉ अब्दुल कलाम पुण्यतिथि  डॉ अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रृद्धांजलि

अमल कुमार-राष्ट्र निर्माता, प्रखर राजनेता और भारत के मिसाइल मैन डॉ अब्दुल कलाम पुण्यतिथि डॉ अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रृद्धांजलि

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य-तिथि के अवसर पर उनके यशस्वी कृतित्व, उनकी स्मृति को सादर प्रणाम अर्पित है. भारत के "म...

अमल कुमार-भाईचारे और एकता की मिसाल	 ईद-उल-अजहा  ईद-उल-अजहा की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

अमल कुमार-भाईचारे और एकता की मिसाल ईद-उल-अजहा ईद-उल-अजहा की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

चौतरफा खुशियां, मेले और चहल-पहल, यह सब भारत में त्योहारों की सबसे बड़ी पहचान है. हमारा देश त्योहारों का ही देश माना जाता है, जहां प्रत्येक धर...

अमल कुमार-वी पी सिंह जी पूर्व प्रधाममंत्री वीपी सिंह जयंती की जयंती पे उन्हें शत् शत् नमन

अमल कुमार-वी पी सिंह जी पूर्व प्रधाममंत्री वीपी सिंह जयंती की जयंती पे उन्हें शत् शत् नमन

देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की जयंती पर शत-शत नमन। अपनी कर्मठता, ईमानदारी और सिद्धांतों के चलते ख्या...

अमल कुमार-भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है योग  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

अमल कुमार-भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है योग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

योग धर्म नहीं, विज्ञान है.. इसमें शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विधान है..!!आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं। योग भारतीय संस्...

अमल कुमार - बीहट जीरोमाइल बरौनी में जदयू साथियों के साथ हुई चाय पर चर्चा

अमल कुमार - बीहट जीरोमाइल बरौनी में जदयू साथियों के साथ हुई चाय पर चर्चा

कोरोना लॉकडाउन खुलने के बाद आज लंबे समय बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, युवा जदयू (दिल्ली प्रदेश) अमल कुमार ने युवा साथियों के साथ चाय पर चर्चा की...

अमल कुमार-भाईचारे और एकता की मिसाल  ईद-उल-फितर  ईद-उल-फितर की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

अमल कुमार-भाईचारे और एकता की मिसाल ईद-उल-फितर ईद-उल-फितर की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

चौतरफा खुशियां, मेले और चहल-पहल, यह सब भारत में त्योहारों की सबसे बड़ी पहचान है. हमारा देश त्योहारों का ही देश माना जाता है, जहां प्रत्येक धर...

अमल कुमार-हनुमान जयंती के मंगल अवसर पर  हनुमान जयंती  समस्त देशवासियों को कोटि कोटि शुभकामनाएं

अमल कुमार-हनुमान जयंती के मंगल अवसर पर हनुमान जयंती समस्त देशवासियों को कोटि कोटि शुभकामनाएं

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर प्रतिवर्ष हनुमान जयंती मनाई जाती है, इसी दिन भगवान राम के सबसे बड़े भक्त एवं परम मित...

More

अमल जी के अपडेट पाने के लिए सब्सक्राइब करें

जनता दल यूनाइटेड के झंडे तले दिल्ली क्षेत्र में जनता के लिए लगातार कार्य कर रहे अमल जी अपने कार्यों को अपने पोर्टल पर लगातार अपडेट करते रहते हैं. इनके कार्यों से जुड़ने के लिए और जानने के लिए नीचे दिया फॉर्म भरें.

© Amal Kumar & Navpravartak.com Terms  Privacy