दिनांक – 6
सितम्बर, 2018
मेरठ, उत्तर
प्रदेश
आयुक्त ने इंटीग्रेटिड कॉमन प्रोग्राम के लिए गठित की पांच सदस्यीय कमेटी
निर्मल हिंडन अभियान को नई ऊर्जा व गति देने के उद्देश्य से आयुक्त सभागार में निर्मल हिंडन अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने कहा कि पब्लिक प्राईवेट व पीपुल पार्टीसिपेशन के सहयोग से हिंडन निर्मल बनेगी। उन्होंने अपर आयुक्त की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर पांच स्तम्भों पर इंटीग्रेटिड कॉमन प्रोग्राम 15 दिन में बनाने, जिम्मेदारी के साथ-साथ जवाबदेही भी तय करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की नमामि गंगे अभियान में गंगा व उसकी सहायक नदियों जिसमें हिंडन भी आती है को निर्मल व अविरल बनाया जाएगा।
निर्मल हिंडन अभियान में जिम्मेदारी के साथ जवाबदेही भी होगी तय
आयुक्त ने मण्डल
स्तर पर मेरठ में अपर आयुक्त रजनीश राय व सहारनपुर में अपर आयुक्त आभा गुप्ता को
नोडल अधिकारी नामित किया तथा हिंडन से जुड़े सात जनपदों में जनपद स्तर पर मुख्य
विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया। आयुक्त ने कहा कि अभियान में एनजीओं,
स्कूल, कालेज, स्वय सहायता समूह व जनता
को प्रेरित कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यों की
मॉनीटरिंग की प्रणाली विकसित करनी होगी तथा अभियान में पैसे की कोई कमी आड़े नहीं
आयेगी।
आयुक्त ने कहा कि निर्मल हिंडन अभियान के अन्तर्गत गत एक वर्ष के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये है। उन्होंने हिंडन को निर्मल व अविरल बनाने के लिए पांच मुख्य स्तम्भों पर प्रकाश डाला जिसमें सामुहिक सहभागीदारी, सघन वनीकरण, तालाब व अन्य जल स्रोतो का पुर्नजीवन, अपशिष्ठ का प्रभावी प्रबंधन व हरित कृषि है। उन्होंने कहा कि सामुहिक सहभागीदारी में चार पी- पब्लिक प्राईवेट, पीपुल, पार्टीसिपेशन महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि
इच्छा शक्ति ही हिंडन को निर्मल बनायेगी। जिन औद्योगिक
संस्थाओं को प्रदूषण विभाग द्वारा एनओसी दी गई है वह दी गई एनओसी की शर्तों का
शत-प्रतिशत अनुपालन करें यह सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थान
ट्रीटेड (उपचारित) वाटर ही नाले व नदी में डालें यह सुनिश्चित करें। आयुक्त ने कहा
कि नदी के किनारे कोई भी नया अतिक्रमण ना हो यह सुनिश्चित किया जाए।
आयुक्त ने हरित कृषि पर कहा कि किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा तथा मॉर कोप पर ड्रॉप, पर फर्टीलाइजर, पर लैण्ड, पर वाटर व पर लेबर को दृष्टिगत रखते हुए कृषि को बढावा दिया जाएगा तथा साथ ही वन्य जीव जन्तुओं की सुरक्षा व संरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
अपर आयुक्त ने स्पष्ट किया हिंडन का भौगोलिक महत्व
अपर आयुक्त मेरठ
रजनीश रॉय ने बताया कि हिण्डन नदी गंगा यमुना नदी के मध्य अवस्थित है। उन्होंने
कहा कि हिंडन नदी का उदगम स्थल जनपद सहारनपुर के मुजफ्फराबाद ब्लॉक के शिवालिक
पहाड़ियों के ढलान पर कालूवाला में स्थित है। उन्होंने बताया कि यह नदी सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत एवं गाजियाबाद से होते हुए जनपद गौतमबुद्धनगर में ग्राम मोमनाथल के समीप
यमुना नदी में मिलती है, इस नदी की कुल लम्बाई 355 किमी है। उन्होंने बताया कि हिण्डन व उसकी सहायक नदियों समीप 872 ग्राम है,
अपर आयुक्त सहारनपुर आभा गुप्ता ने बताया कि हिण्डन नदी की प्रमुख सहायक नदी पॉवधोई नदी है, जोकि जनपद सहारनपुर में है तथा मुख्य सहायक नदी काली नदी (पश्चिमी) कृष्णा नदी है इसके अतिरिक्त हिण्डन नदी की दो अन्य सहायक बरसाती नदियां, चाचा-रौ व नागदेव-रौ हैं। जबकि सहायक धाराएं बरसनी, सपोलिया, छज्जेवाली, पीरवाली, कोठरी, अंधाकुन्डी व स्रोती हैं। ये सभी एक साथ मिलकर ही हिण्डन को नदी बनाती हैं। ये सभी एक निश्चित दूरी व स्थान पर हिण्डन नदी में आकर मिलती रहती हैं।
एनजीटी के आदेश पर गठित दल द्वारा प्रदूषण के जिम्मेदार
औद्योगिक संस्थानों पर कसा गया शिकंजा
क्षेत्रीय
प्रदूषण अधिकारी ने बताया कि विभिन्न जनपदों में हिण्डन व उसकी सहायक नदी के किनारों
पर विभिन्न प्रकार के 316 उद्योग स्थापित हैं, जिसमें 14 चीनी मिले, 8 डिस्टलरी, 41 पल्प एवं पेपर, 16 स्ट्रा बोर्ड, 6 स्लाटर हाउस, 5 फ्रोजन मीट पैकेजिग, 4 डेरी, 6 चमड़ा, 105 टैक्सटाइल, 1 थर्मल पावर प्लांट, 39 इलैक्ट्रो प्लेटिग गैलवेनाइजिंग व 71 अन्य है। उन्होंने बताया
कि हिण्डन नदी में नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न स्थलों में लगभग 68 नाले गिरते है।
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने बताया कि एनजीटी के आदेशों के अनुक्रम में केन्द्र व राज्य के प्रदूषण अधिकारियों व प्रदेश के जलनिगम अधिकारियों की 15 टीमें बनाकर हिंडन के किनारे स्थापित उद्योंगों की जांच करायी गयी, जिसमें से 35 को सील किया गया, 55 को कारण बताओं नोटिस तथा 9 पर 50-50 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया व 68 औद्योगिक संस्थान बंद हालत में मिले। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद व उसके आस-पास क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित औद्योगिक संस्थानों को भी सील किया गया।
अधीक्षण अभियंता
ड्रेनेज खण्ड एचएन सिंह ने बताया कि हिंडन में देवबंद सहारनुपर के पास काली
पंश्चिम नदी में 100 क्यूसेक तथा जानी एस्केप से 2000 क्क्यूसेक पानी प्रतिदिन
हिंडन में डाला जा रहा है
उन्होंने बताया कि खतौली के पास स्थिन भनेड़ा एस्केप से भी 100 क्यूसेक पानी प्रतिदिन डाला गया।
इस अवसर पर नीर
फाउन्डेशन के रमन त्यागी, डीवी कपिल, इण्डिया वाटर पार्टनरशिप
की डा. वीना खंडूरी, 20-30 वाटर रिसोर्स ग्रुप की ऐना, हिमालयन
ग्रुप के उमर सैफ आदि ने किये गये कार्यो पर पावर पाइंट प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर अपर
आयुक्त मेरठ रजनीश राय, सहारनपुर आभागुप्ता, सीडीओ मुजफफरनगर अराधना वर्मा,
सीडीओ सहारनपुर रेनु
तिवारी, सीडीओ शामली विवेक त्रिपाठी, एडीएम प्रशासन रामचन्द्र, इंटेक ग्रुप के डा.
आर.के. भटनागर, अपर नगर आयुक्त गाजियाबाद आरएन पाण्डेय, अधीक्षण अभियंता ड्रेनेज खण्ड एचएन
सिंह, नीर फाउन्डेशन के रमन त्यागी,
डीवी कपिल, इण्डिया वाटर पार्टनरशिप की डा. वीना खंडूरी, विक्रांत हिंडन, अन्य विभागों के अधिकारीगण, एनजीओ प्रतिनिधि इत्यादि ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।