चित्तरंजन दास
का जन्म 5 नवंबर, 1870 को कोलकाता में हुआ था। ब्रह्म समाज के एक
कट्टर समर्थक देशबंधु अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और पत्रकारीय दृष्टिकोण के लिए जाने
जाते थे। चित्तरंजन दास कोलकत्ता उच्च न्यायालय के
विख्यात वक़ील थे, जिन्होंने अलीपुर बम केस में अरविंद घोष की पैरवी की थी। इन्होंने वकालत छोड़कर
गांधी जी के
असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पूर्णतया राजनीति में आ
गए। उन्होंने अपनी समस्त सम्पत्ति और विशाल प्रासाद राष्ट्रीय हित में समर्पण कर
दिया।
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