“मन को कर प्रथम शुद्ध पावन,
डुबकी लगाए जब भौतिक तन,
आभासित हो तब पावनता,
मद्गत हो हस्त जब करे नमन.”
धर्म की नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी के दिव्य संगम में पार्टी (आसा) के राष्ट्रीय महासचिव अमल कुमार जी को परम स्नान करने का सुखद अवसर प्राप्त हुआ और अमल कुमार जी ने छत्तीसगढ़ के पूजनीय जनता एवं राज्य के शुभकामना की प्रार्थना की.
बता दे कि महाकुंभ मेले का समय ग्रहों की विशेष स्थिति को देखकर फिक्स किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पवित्र नदियों का जल अमृत बन जाता है. इसलिए महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को गंगा, यमुना आदि नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है.
माना जाता है कि पवित्र स्नान से जीवन भर के संचित पाप धुल जाते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, कुंभ के दौरान पवित्र संगम में स्नान करने से नकारात्मक कर्म दूर होते हैं और आत्मा शुद्ध होती है, जिससे भक्तों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने में मदद मिलती है.
महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें लाखों श्रद्धालु, संत और आध्यात्मिक साधक प्रयागराज आते हैं. इस आध्यात्मिक उत्सव के केंद्र में पवित्र स्नान या शाही स्नान की काफी मान्यता और परंपरा है, जो गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर होता है. इस दिव्य कार्य को आध्यात्मिक शुद्धि और पुनर्जन्म के लिए जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर माना जाता है.
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