बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक उठापटक शुरू हो चुकी है. विभिन्न दलों के बीच राजनैतिक गहमागहमी जारी है, मंगलवार को बिहार विधान परिषद में आरजेडी के पांच सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया। इस सियासी उठापटक के बीच लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव भी विधान परिषद में जाने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव में सामाजिक समीकरण के लिहाज से परिवार से किसी को दावेदार नहीं बनाने का फैसला किया. मंगलवार को विधान परिषद में आरजेडी को बड़ा झटका लगा और परिषद में आरजेडी के पांच सदस्य दल-बदल कर जेडीयू में शामिल हुए. साथ ही राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
इस पूरे घटनाक्रम पर युवा जदयू प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश अमल कुमार ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा है कि राजद के कुशासन की गवाह बिहार की जनता बन चुकी है और आज भी उस जंगलराज को याद करके सहम जाती है. इसलिए यहां की जनता का मोह राजद से पूरी तरह हट चुका है.
उन्होंने पार्टी के प्रधान कार्यशैली पर कटाक्ष करते हुए बताया कि राजद में पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने विचार प्रकट करने की इजाजत नहीं दी जाती, यही कारण है कि पार्टी के नेता ही अब साथ छोड़ रहे हैं. तेजस्वी यादव दूसरों के घरों को तोड़ने की कोशिश में लगे थे, जिसका उल्टा नतीजा उन्हें मिला है. उन्हें समझना चाहिए कि जिनके घर शीशे के बने होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं बरसाया करते.
इसके साथ ही अमल कुमार ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पूरी निष्ठा और ईमानदारी से बिहार की जनता की सेवा कर रहे हैं. उनके सुशासन के कारण किसी तरह का भेदभाव जनता को झेलना पड़ता और विकास की एक नयी लहर आज बिहार उनके शासनकाल में देख रहा है. समान और स्वच्छ राजनीति करना हमारे नेता की पहचान है और इसी के चलते इस बार भी चुनावों में माननीय नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू की सरकार बनेगी.