सेवा में,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
भारतीय जीवन बीमा निगम
योग क्षेम जीवन बीमा मार्ग मुंबई
विषय- संदर्भ प्रेषित 22 सूत्री चार्टर आफ डिमांड दिनांक 16 जुलाई 2003
प्रेषक- ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन राष्ट्रीय महासचिव
महोदय,
वर्ष 2003-4 संगठन ने अभिकरण कार्य से जुड़कर लाखों अभिक्रताओ एवं उनके आश्रितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अपने जीविकोपार्जन के रूप में भारतीय जीवन बीमा निगम का अभिकरण के कार्यों पर निर्भर रहकर साथ ही संस्था के समस्त हितो को संजोकर एशिया की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था बनाने साथ ही भारत सरकार को 63 सालों से लाभ देने वाली संस्था सहित भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रबल हिस्सेदारी के रूप में संस्था को स्थापित करने वाले अभिकर्ताओ की दशा वर्षों से ठीक वैसे ही है जैसे एक तिहाणी मजदूर जो विभिन्न भ्रष्टाचार के कारणों से रजिस्टर्ड मजदूर भी नहीं हो पाता. साथ में उसके जीवन सहित उस पर आश्रित परिवारों की जिंदगी की डोर प्रत्येक दिन की कमाई से चलती है, यह कमाई कब बंद हो जाएगी फिर जीवन की स्थिति क्या होगी इस कल्पना को आत्मसात कर संगठन ने चार्टर आफ डिमांड का कॉलम नंबर दो के अंतर्गत यह मांग उच्च प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम से किया है कि 5 वर्ष पूर्ण करने वाले अभिकर्ताओ को स्थाई बोनस दिया जाए. जो कि परिवर्तित कमीशन का 50% हो जिससे कि अभिकर्ता विषम परिस्थितियों में भी अपना गुजारा कर सके.
महोदय 7 जुलाई 2003 के मांग के पश्चात स्मृति पत्र तत्पश्चात 12 दिसंबर 2004 से लगातार संगठन द्वारा अपनी मांगों को लेकर विभिन्न चरणों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत आंदोलनात्मक कार्यवाही शाखाओं, मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर की गई, लेकिन उच्च प्रबंधन द्वारा कुछ मांगों को छोड़कर शेष महत्वपूर्ण मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, कारण कि आंदोलन अनवरत जारी है. जिसकी सूचना समयवद्ध तरीके से आप तक पहुंचती रही है जो कि आपके संज्ञान में है. महोदय विशेष ध्यान देने हेतु आपसे अपील,
वर्तमान समय में संपूर्ण देश कोरोना महामारी के आगोश में आने के भय से भयभीत है. जिसके लक्षण देश-विदेश के अंदर दिखने लगे हैं, यही कारण है कि देश के माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने दिनांक 22/3/2020 से पूरे देश में लाक-डाउन कर दिया गया. कारण कि प्रत्येक अभिकर्ता जिसने अपनी जीवकोपार्जन का साधन अभिकरण के रूप में अपनाया है उसे नया बीमा करना मुश्किल तो हुआ ही साथ ही परिवर्तित कमीशन भी नहीं मिलेगा, जिससे विषम परिस्थितियों से देश जूझ रहा है यही कारण है कि अभिकर्ताओं के समक्ष वृहद आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. आपसे आग्रह है कि पूर्व की मांगों के ध्यान गत साथ ही वर्तमान हालात को देखते हुए प्रथम संगठन की मांगों पर भी ध्यान दिया जाये..
(1) 5 वर्ष पूर्ण करने वाले अभिकर्ताओ एवं इससे ज्यादा दिनों तक एजेंसी करने वाले अभिकर्ताओं को परिवर्तित कमीशन का 50% की धनराशि 3 माह तक अनुदान के रूप में दी जाए.
(2) क्लब सदस्यता वर्ष 19-20 के मानक से क्लब सदस्यता वाले अभिकर्ताओं को मानक पूरा करने की शर्तें समाप्त की जाए, साथ ही साथ क्लब सदस्यता की समस्त हित-लाभ बरकरार रखा जाए.
(3) 50% कमीशन अनुदान के समय अवधि समाप्त होते ही प्रत्येक अभिकर्ता जिसने एजेंसी का कार्य 5 वर्ष 10 वर्ष 15 वर्ष 20 वर्ष 25 वर्ष 30 वर्ष तक किया है, उसे स्थाई कर्मियों के समान प्रोत्साहन बोनस या वेतन जो पुनः समीक्षा के अंतर्गत हो उसे अभिकर्ताओं को देना सुनिश्चित किया जाए.
(4) 1 वर्ष से 4 वर्ष तक अभिकरण का कार्य करने वाले अभिकर्ताओं हेतु विशेष आपातकालीन कोष की व्यवस्था की जाए. संगठन को पूर्ण विश्वास है कि आप सहानुभूति पूर्वक संगठन की मांगों पर निर्णय लेते हुए इसकी घोषणा करेंगे साथ ही संगठन के अधोहस्ताक्षरी को सूचित करने का कष्ट करेंगे.
भवदीय
के के अग्रवाल
राष्ट्रीय महासचिव
ए ला ई ए