मौन सबसे सशक्त भाषण है. धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी..!! (महात्मा गाँधी)
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की आज 72वीं पुण्यतिथि है और समस्त देश उन्हें श्रृद्धांजलि दे रहा है. 30 जनवरी, 1948 में नाथूराम विनायक गोडसे ने उस वक्त उनकी हत्या गोली मारकर की थी, जब वह दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में संध्या प्रार्थना से उठ रहे थे. किन्तु आज इतने वर्ष बाद भी गाँधी जी अपने सिद्धांतों और आदर्शों के रूप में सभी भारतीयों के हृदय में जीवित हैं.
महात्मा गाँधी, जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वप्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता के रूप में न केवल भारत अपितु समस्त विश्व जानता है. भारत को विश्व पटल में महात्मा गाँधी के कारण एक शांति प्रिय देश की पहचान मिली है. आज भी वैश्विक पटल पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम नहीं हैं बल्कि शान्ति और अहिंसा का प्रतीक हैं.
महात्मा गाँधी ने जिस प्रकार सत्याग्रह, अहिंसा, शांति और सत्य के मार्ग पर चलते हुए बिना किसी हिंसा के अंग्रजों को देश से बाहर का मार्ग दिखाया, वह अपने आप में अविस्मरणीय है और उनका यही अहिंसा का भाव उन्हें एक संत के तौर पर प्रतिष्ठा देता है. सुविख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन ने भी महात्मा गाँधी के विषय में कहा था कि,
"आज से हजारों साल बाद की नस्लें शायद ही इस बात पर यकीन कर पाएं कि हाड़-मांस से बना कोई ऐसा इंसान भी इस धरती पर कभी आया था."
स्वच्छ और सुंदर भारत का स्वपन बापू की आँखों में सदा रहा था और वर्तमान में सरकार उसी स्वपन को साकार करने के प्रयास में लगी है. इसकी सार्थकता भी देखी जा रही है और आने वाले समय में हर भारतीय देश को साफ़ स्वच्छ रखने और विकसित करने में भागीदार बनेगा, यही बापू के प्रति हमारी सच्ची श्रृद्धांजलि भी होगी.
नमस्कार, मैं अमल कुमार आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.