युवा जदयू दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अमल कुमार ने हाल ही में प्रशांत किशोर द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कसे गए तंज का स्पष्ट जवाब दिया गया. उन्होंने मीडिया को बताया कि प्रशांत किशोर का माननीय मंत्री पर ऊँगली उठाना न केवल बचकाना है अपितु शर्मनाक भी है.
ज्ञात हो कि जेडीयू ने निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन कर केन्द्रीय सरकार तथा राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बिहार के विकास के दावों पर सवाल खडे किए तथा बीजेपी व जेडीयू की दोस्ती पर तंज कसते हुए कहा कि गांधी व गोडसे एक साथ नहीं चल सकते. इसके साथ साथ प्रशांत किशोर ने सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन व नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की, जिस पर पार्टी के बहुत से नेता रोष प्रकट कर रहे हैं.
इस बयानबाजी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमल कुमार ने कहा,
प्रशांत किशोर को भूलना नहीं चाहिए कि जिस पाठशाला में जाकर आप पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उस पाठशाला में उन्हें ऊँगली पकड़कर लिखना नीतीश कुमार ने ही सिखाया है. अगर भाजपा गोडसे की पार्टी है तो प्रशांत किशोर की कंपनी के उनका प्रचार क्यों किया और अगर नीतीश कुमार भाजपा की गोद में खेल रहे हैं तो आपने उनका प्रचार बिहार में क्यों किया? ऐसा करके तो आपने देश और बिहार दोनों के साथ ही गद्दारी की है.
इसके साथ साथ अमल कुमार ने भी उदाहारण देते हुए प्रशांत किशोर के दोगले व्यक्तित्व को उजागर किया, उन्होंने बताया कि,
वर्ष 2014 में हुए चुनावों में प्रचार के लिए प्रशांत किशोर ने हजारों साइकिलों की खरीददारी की और बाद में उन्हें बेच कर खा गए. जो प्रशांत कुमार कल तक बिहार की साइकिल योजना, यूनिफार्म योजना, छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन योजना आदि की सराहना करते नहीं थकते थे, आज वहीं बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर तंज कस रहे हैं.
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेदाग छवि और विकासवादी दृष्टिकोण का हवाला देते हुए अमल कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा,
गाँधी और गोडसे की विचारधारा पर चर्चा करने वाले प्रशांत किशोर को समझ लेना चाहिए कि नीतीश कुमार को उनके जमीर से डगमगाने वाला अभी तक कोई नहीं जन्मा है और जितनी जल्दी प्रशांत किशोर इस बात को समझ लें, उतना ही उचित है क्योंकि रेत पर महल बनाना बेहद कठिन है.