हाल ही में सीएम केजरीवाल ने एक अस्पताल में हुए शिलान्यास कार्यक्रम में स्वास्थ्य सुविधाओं पर बयान देते हुए कहा था कि बिहार से लोग 500 रूपये खर्च करके आते हैं और 5 लाख का ईलाज मुफ्त में करा कर जाते हैं, हालांकि यह अच्छी बात है क्योंकि वें भी अपने ही देश के लोग हैं लेकिन दिल्ली की भी अपनी सीमाएं हैं. इस प्रकार पूर्वांचल निवासियों के खिलाफ तंज कसकर केजरीवाल ने अपनी खोखली मानसिकता का प्रदर्शन किया था, जिस पर नाराज जदयू कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खड़ा कर दिया था.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का पूर्वोत्तर के लोगों के लिए दिया गया बयान उनपर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. हाल ही में जनता दल यूनाइटेड दिल्ली प्रदेश ने भी केजरीवाल के खिलाफ हल्ला बोला दिया है. जदयू दिल्ली प्रदेश ने पूर्वांचल वाले बयान को लेकर केजरीवाल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के अवसर पर युवा जदयू दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अमल कुमार के साथ साथ पदाधिकारीगण एवं तमाम कार्यकर्ता सम्मिलित रहे और केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
गौरतलब है कि इससे पहले भी केजरीवाल ने एनआरसी को लेकर बयानबाजी करते हुए कहा था कि अगर दिल्ली में एनआरसी लागू हुआ तो सबसे पहले दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी को राजधानी छोड कर जाना पड़ेगा. अब इस हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रियाओं की गति तेज हो गयी है. अमल कुमार ने बताया कि इससे पहले भी दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बिहार के लोगों की दिल्ली में ईलाज व्यवस्था को लेकर अनर्गल बयान दिया था, जिस पर माननीय न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगते हुए कहा था कि राजधानी दिल्ली सबकी है, इसलिए दिल्ली सरकार ऐसी बेकार की बयानबाजी बंद करे.
युवा जदयू दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष अमल कुमार ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि,
"अनर्गल बयानबाजी करना और जनता को धोखा देना सीएम की आदत में शुमार हो गया है. जिन पूर्वांचलियों के सहारे केजरीवाल आज सत्ता का सुख भोग रहे हैं, आज उन्हीं के लिए ऐसे अनाप-शनाप बयान देकर पूर्वांचलियों के प्रति पूर्वाग्रह पाल कर बैठे हुए हैं. मुझे समझ नहीं आता कि यदि दूसरे राज्य का व्यक्ति यहां आकर ईलाज कराता है, तो केजरीवाल को इससे क्या समस्या है? आयुष्मान योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीबों को पांच लाख तक मुफ्त ईलाज की सुविधा दे रहे हैं, ऐसे में केजरीवाल इस तरह की बयानबाजी कर क्या साबित करना चाह रहे हैं. यदि केजरीवाल दिल्ली के अस्पतालों को अच्छी सुविधा दे रहे हैं, तो अपनी खांसी का ईलाज भी यहीं के किसी अस्पताल में कराते, किसी दूसरे राज्य में जाकर ईलाज कराने की क्या आवश्यकता थी. केजरीवाल द्वारा दिया गया बयान दिल्ली सरकार की मानसिकता को दर्शाता है और अगर मानसिक समस्या है तो रांची के अस्पताल में उसकी बेहतर सुविधा है."