भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है.
इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है.
हम जियेंगे तो इसके लिये, मरेंगे तो इसके लिये.
अपनी उत्कृष्ट काव्यांजलि के माध्यम से मां भारती के चरणों में सदा-सर्वदा के लिए श्रृद्धाभाव के पुष्प अर्पित कर गए माननीय पूर्व प्रधानमंत्री दिवगंत अटल बिहारी वाजपेयी जो को उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर सादर अभिनंदन और विनम्र श्रृद्धांजलि.
आदरणीय अटल जी ने भारतीय लोकतंत्र को प्रगतिवादी मार्ग पर प्रशस्त करने हेतु एक प्रेरणा पुंज की भांति कार्य किया, जिसके कारण समस्त देश उन्हें आज नमन कर रहा है और जब तक भारत रहेगा, तब तक हर भारतवासी के हृदय में उनका स्मरण ऐसे ही अटल बना रहेगा.
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को वर्ष 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से नवाजा गया था. वें वर्ष 1996 में प्रधानमंत्री बने थे और उक्त समय उनकी सरकार मात्र 13 दिनों तक ही चल पाई थी. वर्ष 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के उपरांत उन्होंने अपना पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा किया. वहीं सेहत खराब होने के चलते उन्होंने वर्ष 2004 में राजनीति से दूरी बना ली थी. गत वर्ष 2018 में माननीय अटल जी ने दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में लम्बी बीमारी से जूझते हुए अंतिम श्वास ली.
आज उनकी प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर समस्त देश अपने सरल-सहज व्यक्तित्त्व वाले मानवतावादी युगदृष्टा नेता और तेजस्वी शब्दों के प्रखर प्रणेता को नमन कर रहा है. पुण्यात्मा अटल जी को मेरी ओर से भी विनम्र भावपूर्ण श्रृद्धांजलि..!!
साभार
अमल कुमार (प्रदेश अध्यक्ष)
युवा जदयू दिल्ली