दिनांक 20 मई, 2018
नई दिल्ली
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जदयू को देश के कोने कोने तक पहुँचाने के उद्देश्य से बहुत से कार्य किये जा रहे हैं, हाल ही में नागालैंड विधानसभा में पार्टी को एक सीट पर विजय मिलना दर्शाता है कि भविष्य में जदयू भारतीय राजनीति में सफल पदार्पण अवश्य ही करेगी. राजधानी दिल्ली में जदयू संगठन को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से युवा जदयू अध्यक्ष अमल कुमार जी के हाथों में दिल्ली की कमान जब नीतीश जी ने सौंपी होगी, तो शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं होगा कि इतने कम समय में अमल जी जनता के बीच इतने अधिक लोकप्रिय हो जायेंगे. आज वें अपने अथक प्रयासों की श्रृंखला से दिल्ली की जनता के बीच जदयू की आगामी चुनावी सफलता को सुनिश्चित करने की तयारी कर रहे हैं. युवा जदयू संगठन को लगातार मजबूती प्रदान करके अमल जी विधानसभा, प्रदेश, जिला और बूथ स्तर तक भी अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं. घर घर जाकर अपनी पार्टी की दक्षता को अमल जी बखूबी साबित कर रहे हैं.
अमल जी का मानना है कि बिहार में नीतीश जी की सफलता को देखकर कुछ लोग यदि यह कयास लगाकर बैठे हैं कि हमारी कार्यसीमा केवल दिल्ली की पूर्वांचली जनता तक है, तो यह बिलकुल गलत है. जदयू का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है और दिल्ली मूलत: प्रवासी नागरिकों से ही बनी है, यहां देश के कोने कोने से नागरिक आकर बसे हुए हैं, इसलिए जदयू का उद्देश्य दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को अपनी नीतियों से लाभ पहुंचाना है.
नीतीश सरकार की कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हुए अमल जी ने स्पष्ट किया कि यदि नीतीश जी को सुशासन बाबु का नाम दिया गया है तो यह सर्वथा सत्य ही है, क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली बेहद विकासात्मक है. बिहार में वर्तमान समय में जो भी सकारात्मक बदलाव आए हैं, उन सभी के मूल में नीतीश जी के सतत प्रयासों का ही योगदान हो. मुद्दा चाहे शराबबंदी का हो, या दहेज़ उन्मूलन का, नीतीश सरकार ने बिहार में चौतरफा विकास की नीति को कायम किया है. कठोर कानूनों के प्रावधानों को लागू करके जदयू ने बिहार में काफी कार्य किया है, जो आज के समय में बड़े बड़े राज्यों में भी सरकार नहीं कर पाई. दल ने धीरे धीरे अपने पाँव पसारने शरू कर दिए हैं और आने वाले समय में जदयू जनता के मध्य एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरकर सामने अवश्य ही आएगी.
वर्तमान सरकार के लम्बे चौड़े दावों के बावजूद भी देश बेरोजगारी की आग में सुलग रहा है. अमल कुमार जी ने बताया कि जदयू इस दिशा में बहुत से प्रयास कर रही है. पार्टी अध्यक्ष संजय कुमार जी के संचालन में देश के विभिन्न राज्यों में बेरोजगारी के खिलाफ आन्दोलन जारी है. दिल्ली में भी जंतर मंतर पर जदयू द्वारा प्रदर्शन किया गया, साथ ही राष्ट्रपति जी को ज्ञापन भी सौंपा गया. बेरोजगारी को मिटाकर एक विकसित देश का निर्माण करना जदयू की प्राथमिकता है.
अमल जी का मानना है कि यदि दिल्ली में जदयू की सरकार बनी तो वें बिहार की तर्ज पर यहां भी शराबबंदी अवश्य ही करायेंगे. शराब के कारण आज राजधानी में असुरक्षा बढ़ती जा रही है, कोई भी नागरिक स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाता. सरकार का दायित्व अपने नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य होना चाहिए परन्तु दिल्ली में आबकारी विभाग के टैक्स के चलते सरकार पीछे हट जाती है. नागरिकों की सुरक्षा सरकार का प्रमुख दायित्व होना चाहिए और हम इसी पर ध्यान देने का प्रयास करेंगे.
दिल्ली में यदि आज सबसे बड़ा कोई मसला है तो वह अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास का है, सरकार का ध्यान लुटियन दिल्ली की ओर अधिक रहता है. परन्तु अनाधिकृत कालोनीवासियों को मिलने वाली मौलिक सुविधाओं की तरफ किसी भी सरकार का ध्यान नहीं जाता. इन कॉलोनियों में बिजली, पानी, साफ़- सफाई से सम्बन्धित ढेरों परेशानियां हैं. जदयू की सरकार इस विषय पर काफी समय से धरने प्रदर्शन भी करती आ रही है और आगामी समय में भी इन कॉलोनियों का विकास हमारी प्राथमिकता रहेगी. इस मुद्दे पर हम जदयू द्वारा राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया जा चुका है.
राजधानी में शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कल्याणकारी योजनाओं के निर्माण और उनके कुशल संचालन पर भी जदयू द्वारा कार्य किया जाएगा. आज दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को देखकर लगता है कि शिक्षा केवल एक वर्ग तक ही सीमित होकर रह गयी है. शिक्षा और स्वास्थ्य ऐसे मुद्दें है, जो किसी भी देश के वास्तविक विकास दर आकलन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य पर सब्सिडी प्राप्त होनी चाहिए और ये दोनों सुविधाएं मुफ्त में जनता को दी जनि चाहिए, जबकि दिल्ली में यही सुविधाएं हद से ज्यादा महंगी हो चुकी हैं. अमल जी के अनुसार यदि जदयू की सरकार बनती है तो इन दोनों ही क्षेत्रों में अधिक से अधिक कार्य करने का प्रयास अवश्य ही करेगी.
अमल जी का कहना है कि दिल्ली में पेयजल से सम्बन्धित दिक्कतें काफी ज्यादा है, खासकर अनाधिकृत कॉलोनियों में तो लोगों को घंटों पानी के लिए लाइन में खड़े रहना पड़ता है. यह मौजूदा सरकार की विफलता ही है कि आज दिल्ली हरियाणा में पेयजल को लेकर तनातनी बनी हुई है, क्योंकि दिल्ली सरकार हर मसले का दोषारोपण दूसरों पर ही डालती आई है और यही कारण है कि गलत नीतियों के चलते दुसरे राज्यों से तकरार कायम रहती है. जबकि यदि जदयू सरकार दिल्ली में आती है तो यकीनन यह समस्या तो कभी झेलनी नहीं पड़ेगी क्योंकि जदयू सरकार सबके हित की बात रखती आई है.
इस प्रकार दिल्ली के युवा जदयू अध्यक्ष अमल कुमार जी के नेतृत्त्व में जदयू मोर्चा सँभालने की पूरी तैयारी कर चुकी है. अमल जी दिल्ली को उस घर के रूप में देखते हैं, जहां आज शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि व्यवस्थित नहीं होने के कारण घर बिखरा सा हुआ है, जिसे जदयू अपनी बेहतरीन कौशल नेतृत्त्व की नीतियों से संवारने का पूर्ण प्रयास करेगी.
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